क्योंकि, ठोकरें ही तो क़िस्मत में हैं हँसी तो मैंने चुराई है ।। क्योंकि, ठोकरें ही तो क़िस्मत में हैं हँसी तो मैंने चुराई है ।।
और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
दिल के छालों को कोई किसको दिखाए दिल के छालों को कोई किसको दिखाए
कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।। कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।।